देश के प्रमुख स्टेशनों में शामिल नागपुर स्टेशन के रिडेवलपमेंट प्लान पर एक बार फिर काम शुरू हो गया है. रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी(आरएलडीए) ने इस प्रोजेक्ट के लिए 536 करोड़ रुपये को टेंडर जारी कर दिया है. इच्छुक कम्पनियां 28 जून तक अपनी बोली लगा सकती है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कार्पोरेशन (आईआरएसडीसी) द्वारा पीपीपी मॉडल पर नागपुर स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए रिडेवलपमेंट प्लान पर काम कर रही थी. हालांकि अब आईआरएसडीसी को आरएलडीए में ही मर्ज कर दिया गया है.
इससे पहले आईआरएसडीसी देशभर में पीपीपी मॉडल पर 600 स्टेशनों के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट करने वाली थी. इसमें नागपुर और मुंबई का सीएसएमटी स्टेशन भी शामिल थे लेकिन हबीबगंज स्टेशन के रिडेवलपमेंट के बाद पीपीपी मॉडल अधिक सफल नहीं दिखाई दे रहा है. इसलिए अब आरएलडीए के माध्यम से स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने की परियोजना पर काम तेज किया गया है.
नागपुर स्टेशन मध्य रेल नागपुर मंडल के तहत आता है. इसका कुल क्षेत्रफल 44 एकड़ है. हालांकि स्टेशन के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में मध्य रेल की कोई भूमिका नहीं होगी. यह कार्य पूरी तरह से आरएलडीए द्वारा किया जायेगा. मध्य रेल अधिकारियों के अनुसार आरएलडीए को पूरा 44 एकड़ का परिसर सौंप दिया गया है. हालांकि आरएलडीए ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है. जानकारी के अनुसार जल्द ही नागपुर में एक नोडल अधिकारी की नियुक्त होगी ताकि मध्य रेल और आरएलडीए के बीच तेज और उचित समन्वय हो सके. यह नोडल अधिकारी चीफ इंजीनियर के समतुल्य होगा.
अधिकारियों की मानें तो स्टेशन के रिडेवलपमेंट प्लान का ब्लूप्रिंट तैयार है लेकिन अभी तक इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है. जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव किये जा सकते हैं. इसकी मुख्य वजह स्टेशन हेरिटेज इमारत होना है. हालांकि हेरिटेज संरक्षण समिति और महानगर पालिका द्वारा पहले प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुके हैं.
वर्तमान में बने प्रोजेक्ट प्लान में यात्री सुविधाओं पर जोर दिया गया है. बड़ा सर्कुलेटिंग एरिया तैयार किया जायेगा ताकि अधिक से अधिक यात्रियों के आने-जाने पर कोई दिक्कत न हो. बेसमेंट में वृहद पार्किंग की योजना है ताकि अधिक से अधिक वाहन खड़े हो सके. परिसर की जमीन का उपयोग अधिक राजस्व प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाना है लेकिन इसी के साथ ट्रेनों परिचालन को लेकर कुछ कमियां भी दिखाई दे रही है. खास बात है कि रिडेवलपमेंट प्लान में प्लेटफार्म विस्तार को लेकर कोई योजना नही है. नागपुर स्टेशन से देश के पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाली सैकड़ों ट्रेनें गुजरती है. ऐसे में अब यहां अधिक प्लेटफार्म की जरूरत महसूस की जा रही है. साथ ही स्टेशन के पूर्व और पश्चिम भाग का जोड़ने के लिए प्रस्तावित सबवे को नये प्लान में हटा दिया गया है. ऐसे में नई डिजाइन क्या होगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं. इससे भी अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि योजना की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है.
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