गोरेवाड़ा जू में अफ्रीकन सफारी का सपना होगा सच

नागपुर को अग्रणी वन्यजीव पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार, 1 जुलाई को एफडीसीएम गोरेवाड़ा जू लिमिटेड और नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC-इंडिया) के बीच बालासाहेब ठाकरे गोरेवाड़ा इंटरनेशनल जू में विश्व स्तरीय अफ्रीकन सफारी के विकास के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।यह MoU मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वन मंत्री गणेश नाईक की उपस्थिति में मुंबई स्थित विधान भवन की समिति कक्ष में आयोजित एक औपचारिक समारोह में साइन किया गया।
इस 285 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को आधिकारिक हरी झंडी मिल गई है, जिसके तहत गोरेवाड़ा जू के 63 हेक्टेयर क्षेत्र को अफ्रीकी वन्यजीव क्षेत्र में परिवर्तित किया जाएगा, जिसमें सफारी रूट, आइकोनिक एंट्री प्लाजा और इमर्सिव एनिमल एग्जिबिट शामिल होंगे।हस्ताक्षर समारोह में NBCC के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर के.पी.एम. स्वामी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रवीण दोइफोडे, महाराष्ट्र फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर नरेश झुरमुरे और FDCM गोरेवाड़ा जू लिमिटेड के सीईओ चंद्रशेखरन बाला उपस्थित थे। इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) मिलिंद म्हैसकर और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विकास खारगे भी मौजूद रहे।
अफ्रीकन सफारी, जिसमें 22 अफ्रीकी प्रजातियां प्रदर्शित होंगी, का उद्देश्य गोरेवाड़ा जू को वैश्विक मानकों तक पहुँचाना है। इसका निर्माण कार्य 18 महीनों में पूरा किया जाएगा, जिसमें NBCC प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन करेगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने पहले अधिकारियों को सफारी और प्लाजा विकास के कार्यों को तेज़ी से पूरा करने के निर्देश दिए थे, ताकि जू को एक प्रमुख पर्यटन और संरक्षण केंद्र में विकसित किया जा सके।अफ्रीकन सफारी में क्या-क्या देखने को मिलेगा सफारी को दो ज़ोन में विभाजित किया जाएगा
🔸 आइलैंड एग्जिबिट (Moated Enclosures) – यहां आगंतुकों को धारीदार लकड़बग्घा, सफेद गैंडे, पटास बंदर, रेड रिवर हॉग, अफ्रीकी शेर, चिंपांजी, चीता और हेमाड्रायस बबून को करीब से देखने का मौका मिलेगा।
🔸 ओपन-रेंज एग्जिबिट – इसमें ऑस्ट्रिच, हिप्पो, इम्पाला, जैमसबोक, कॉमन एलैंड, ब्लू विल्डबीस्ट, जिराफ, बर्चेल्स ज़ेब्रा और कूडू जैसी प्रजातियों को वॉक-थ्रू या राइड-थ्रू अनुभव के तहत देखा जा सकेगा।अधिकारियों का कहना है कि परियोजना पूरी होने के बाद यह इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी, जैव विविधता के प्रति जागरूकता लाएगी और नागपुर को भारत के प्रमुख वन्यजीव पर्यटन स्थलों में स्थापित करेगी।
परियोजना की पृष्ठभूमि:
इंडियन सफारी, जिसमें देशी प्रजातियां शामिल हैं, पहले ही पूर्ण होकर 26 जनवरी 2021 को उद्घाटित की जा चुकी है।अफ्रीकन सफारी, गोरेवाड़ा जू के विस्तार का दूसरा चरण है।NBCC, एक राष्ट्रीय स्तर का PSU, इस परियोजना का डिज़ाइन और निर्माण कार्य करेगी।अफ्रीकन सफारी के पूरा होने पर यह न केवल विज़िटर एक्सपीरियंस को नया आयाम देगी बल्कि संरक्षण शिक्षा को भी बढ़ावा देगी और क्षेत्र में रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिज़ाइन और पारिस्थितिकीय संवेदनशीलता पर आधारित यह प्रोजेक्ट गोरेवाड़ा जू को एशिया के सबसे अद्वितीय प्राणि उद्यानों में शामिल करने की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।