नागपुर महापालिका चुनाव में महिला आरक्षण लॉटरी से बदला राजनीतिक समीकरण

बहुप्रतीक्षित महिला आरक्षण की लॉटरी ने नागपुर महानगरपालिका (NMC) के आगामी चुनावों का राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह बदल दिया है। कुल 151 सीटों में से 76 सीटें — यानी लगभग 50 प्रतिशत — महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इनमें सामान्य, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य मागासवर्गीय (OBC) श्रेणियों की सीटें शामिल हैं। यह आरक्षण संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार किया गया है।

लॉटरी प्रक्रिया संपन्न
यह लॉटरी मंगलवार को सुरेश भट सभागृह में नगर आयुक्त एवं प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। उनके साथ अतिरिक्त आयुक्त वसुमना पंत और वैश्नवी बी. भी उपस्थित थीं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में राजनीतिक कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे, जो अपने-अपने प्रभागों का आरक्षण परिणाम जानने को उत्सुक थे।

वरिष्ठ नेताओं को झटका
पिछले नगर निगम सदन के कई वरिष्ठ नेता इस आरक्षण से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि उनकी सीटें अब महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हो गई हैं। यदि वे आस-पास के प्रभागों से समायोजन नहीं कर पाए, तो उन्हें अगले पाँच वर्षों तक सक्रिय राजनीति से दूर रहना पड़ सकता है।

कांग्रेस नेता प्रफुल गुदाधे, जिन्हें प्रभाग क्रमांक 38 से एक मजबूत दावेदार माना जाता था, अब मुश्किल में हैं क्योंकि यह सीट अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित हो गई है। उनके प्रभाग की तीन में से दो सीटें — एक ओबीसी और एक सामान्य — महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई हैं। ऐसे में गुदाधे को चुनावी दौड़ में बने रहने के लिए आस-पास के प्रभाग 37 से नया विकल्प तलाशना पड़ सकता है।

सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ नेता भी इससे प्रभावित हुए हैं। वाठोड़ा के धर्मपाल मेश्राम सहित प्रमोद ताभाने और वंदना भगत जैसे नेताओं की सीटें भी महिला आरक्षण के दायरे में आ गई हैं, जिससे उनके राजनीतिक समीकरण बिगड़ गए हैं।

आपत्तियाँ दर्ज करने की अंतिम तिथि 24 नवम्बर
आरक्षण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद, नगर निगम प्रशासन 17 नवम्बर को विस्तृत सीटवार आरक्षण सूची जारी करेगा। नागरिक और राजनीतिक दल 24 नवम्बर तक अपने सुझाव या आपत्तियाँ निर्वाचन शाखा या संबंधित जोन कार्यालयों में दर्ज करा सकेंगे।

नगर आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी ने जानकारी दी कि प्राप्त वैध आपत्तियों के आधार पर आवश्यक सुधार किए जाएंगे और अंतिम अधिसूचना 2 दिसम्बर को जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह लॉटरी प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार पूरी पारदर्शिता से संपन्न की गई है।

राजनीतिक हलचल तेज
आरक्षण की नई व्यवस्था ने शहर की राजनीतिक सीमाओं को पूरी तरह बदल दिया है। अब भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में नई रणनीति बनाने, उम्मीदवारों के पुनर्विन्यास और टिकट वितरण को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। आने वाले दिनों में राजनीतिक दलों के बीच गहन मंथन और नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं।