Hit-and-Run Case: नागपुर राम झूला और पुणे केस में क्या अंतर? DCM देवेंद्र फडणवीस आख़िर क्यों रहे थे खामोश?

पुणे: हाल ही में पुणे में हुए हिट-एंड-रन मामले में दो लोगों की मौत ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। इस घटना पर दु:ख जताते हुए नागपुर शहर जिल्हा कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष वसीम खान ने गंभीर सवाल उठाए हैं।

वसीम खान ने पुणे और नागपुर के हिट-एंड-रन मामलों की तुलना करते हुए कहा, “पुणे में एक अमीर जादे ने अपनी पोर्श गाड़ी से दो मासूमों की जान ली, वहीं नागपुर के राम झूला पर दो अमीर जादियों ने अपनी बेंज गाड़ी से दो मासूमों की जान ली थी। पुणे मामले में कई नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी निंदा जताई है। लेकिन नागपुर राम झूला हिट-एंड-रन में फडणवीस की चुप्पी क्यों?”

वसीम खान ने आगे कहा, “नागपुर तो देवेंद्र जी की जन्म और कर्म भूमि है। नागपुर के बदौलत ही वह एक बार मुख्यमंत्री बने और अब उपमुख्यमंत्री हैं। फिर नागपुर हिट-एंड-रन मामले में फडणवीस की चुप्पी क्यों? क्या उपमुख्यमंत्री के परिवार का हिट-एंड-रन मामले में शामिल रितिका मालू और शारदा के परिवार से कोई संबंध है?”

उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, “यह समझ से परे है कि दो परिवार उजड़ गए और मारने वाली महिलाएं अभी भी बाहर घूम रही हैं। नागपुर मामले में तीन महीने हो गए हैं, लेकिन हुसैन और आतिफ के परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिला है। उन्हें सिर्फ न्यायलय से तारीख पर तारीख मिल रही है।”

इस बयान के बाद नागपुर और पुणे दोनों शहरों में हिट-एंड-रन मामलों को लेकर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है। लोगों का गुस्सा और न्याय की मांग बढ़ती जा रही है।