भारतीय राखि की वजा से चीन को 4 हजार करोड़ का झटका !
इस साल के राखी त्यौहार ने चीन को 4 हजार करोड़ रुपये के राखी व्यापार का बड़ा झटका देकर चीन के मिशन को तोड़ दिया हैं की भारत में चीनी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं हो सकता और चीनी वस्तुओं के बहिष्कार अभियान को और अधिक तेजी से देश भर में चलाये जाने के मजबूत संकेत दे दिए. कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स द्वारा गत 10 जून से शुरू किये गए चीनी सामान के बहिष्कार के अंतर्गत कैट ने इस वर्ष राखी के पर्व को हिंदुस्तानी राखी के रूप में मनाने का आव्हान किया था, जो पूर्ण रूप से सफल रहा और इस बार एक भी राखी या राखी बनाये जाने के सामान का आयात चीन से बिलकुल नहीं हुआ और इस अभियान का लाभ यह हुआ की देश भर में कैट के सहयोग से भारतीय सामान से लगभग 1 करोड़ राखियां निम्न वर्ग एवं घरों में काम करने तथा आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिलाओं सहित लोगों ने अपने हाथों से अनेक प्रकार के नए -नए डिज़ाइन की राखियां बनाई वहीँ भारतीय राखी निर्माताओं ने भी भारतीय सामान से राखियां बनाई जिन्हे देश भर में खूब सराहा गया.
राष्र्टीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की एक अनुमान के अनुसार देश में प्रतिवर्ष लगभग पचास (50) करोड़ राखियों का व्यापार होता है, जिसकी कीमत लगभग 6 हजार करोड़ रुपये है, जिसमें से गत अनेक वर्षों से चीन से प्रतिवर्ष राखी या राखी का सामान लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का आता था , जो इस वर्ष नहीं आया. कोरोना के डर के कारण बड़ी मात्रा में लोग बाज़ारों में नहीं गए हैं एवं न ही ऑनलाइन से राखियों की खरीददारी की है, जिसको देखते हुए कैट ने देश भर के लोगों से कहा की अपने ही घरों में घास,केसर,चन्दन,चावल तथा सरसों के दाने एक रेशम के कपडे में मौली या कलावा के साथ बाँध ले, जिससे यह वैदिक राखी बन जाए और यह राखी भाई को बाँधी जाए अथवा अपने ही घर से कलावा या मौली को ही भाई के हाथ में बांध दे, इसे रक्षा सूत्र कहा जाता है. यही राखी सबसे शुद्ध एवं पवित्र होती है और पुराने समय में इसी प्रकार की राखी इस्तेमाल की जाती थी.
भरतिया एवं खंडेलवाल जी ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अगले कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा की आगामी 9 अगस्त, भारत छोड़ोआंदोलन के दिन को देश भर के व्यापारी इस दिन को “चीन भारत छोड़ो” अभियान शुरू करेंगे और इस दिन देश भर में 800 से ज्यादा स्थानों पर व्यापारी संगठन शहर के किसी प्रमुख स्थान पर एकत्र होकर चीन भारत छोड़ो के शंखनाद करेंगे . वहीँ दूसरी ओर 500 वर्षों के लम्बे इंतज़ार के बाद आगामी 5 अगस्त को भारत के स्वाभिमान और गौरव के प्रतिक राम मंदिर के निर्माण के प्रारम्भ होने के अवसर पर 4 अगस्त को देश भर में व्यापारी अपने घरों और बाज़ारों में सुंदरकांड का पाठ करेंगे वहीँ 5 अगस्त को व्यापारी सारे देश में अपनी दुकानों और घरों में दीप जलाकर शंख, नाद, घंटे घड़ियाल आदि बजायेंगे .