आर्थिक तंगी से परेशान परिवार, कार सहित जलाया – पति की मौत, पत्नी बेटा जख्मी


कई बार लोग आर्थिक तंगी से इस कदर परेशां हो जाते है के वो आत्महत्या करने का रास्ता चुन लेते है ऐसे ही एक मामला सामने आया है जिसमे एक व्यक्ति ने आत्महत्या करने की सोची और अपने साथ अपने परिवार को भी ख़त्म करने का निर्णय लिया
उसकी पत्नी और बेटा इस बात से अनजान थे के उसके दिमाग में क्या चल रहा है
व्यक्ति अपनी पत्नी और बेटे को लेकर होटल में खाना खिलने के बहाने ले गया और रस्ते में ही कार को आग लगा दी

पीड़ित व्यक्ति तो कार के भीतर ही जिंदा जल गया.
पत्नी और बेटा बच गए है लेकिन उनकी हालत भी चिंताजनक बताई जा रही है. यह घटना मंगलवार की दोपहर वर्धा रोड पर खापरी नाके के समीप हुई. पहले तो प्रशासन को हादसा होने का अनुमान था लेकिन जिस तरह तीनों जले थे वह असाधरण सा लग रहा था. जांच में पूरी घटना सामने आई. मृतक जयताला निवासी रामराज गोपालकृष्ण भट (63) बताया गया. उनकी पत्नी संगीता (57) और बेटे नंदन (25) का निजी अस्पताल में उपचार जारी है. रामराज पहले लैथ वर्कशॉप चलाते थे. संगीता गृहिणी है और बेटा नंदन इंजीनियर हैं. नंदन के पास फिलहाल रोजगार नहीं था. इसीलिए शेयर ट्रेडिंग कर रहा था. 

रामराज पिछले 3 वर्षों से आर्थिक संकट से जूझ रहे थे. उनका वर्कशॉप भी बंद हो गया था लेकिन लैथवर्क का अच्छा खासा ज्ञान था. इसीलिए बुलावे पर काम करने चले जाते थे. आर्थिक संकट होने के कारण उन्होंने कुछ लोगों से कर्ज ले रखा था लेकिन कमाई के कोई साधन नहीं थे. ऐसे में रामराज ने परिवार के साथ आत्महत्या करने का निर्णय लिया. मंगलवार को अचानक अपने परिवार के साथ वर्धा रोड पर स्थित आलीशान होटल में लंच पर चलने को कहा, लेकिन मन में कुछ और ही चल रहा था. रामराज ने जहर की बोतल और दूसरी बोतल में ज्वलनशील पदार्थ पहले से ले रखा था. 12.30 बजे के दौरान तीनों कार क्र. एमएच-31/सीएन-5539 पर होटल जाने के लिए निकले.

खापरी नाके के पास रामराज ने कार रोक दी. होटल का खाना जल्दी पचता नहीं कहकर जहर की बोतल निकाली. खुद भी जहर का घूट पी लिया. साथ ही संगीता और नंदन को भी लिक्विड पीने को कहा. नंदन उस पदार्थ का रंग देखकर संदेह हुआ और उसने पीने से इनकार कर दिया. तब तक संगीता एक घूट पी चुकी थी. प्लान बिगड़ता देख रामराज ने दूसरा पैंतरा अपनाया. उन्होंने बोतल में रखा ज्वलनशील पदार्थ तीनों के शरीर और कार में डालकर माचिस की तीली जला दी. 

कार के तीनों दरवाजे बंद थे. आग लगने पर संगीता और नंदन झटपटाने लगे लेकिन रामराज अपनी ही सीट पर बैठे रहे. किसी तरह कार का दरवाजा खोलकर नंदन और संगीता बाहर निकल गए. कार धूं-धूं कर जलने लगी. आग की लपटें उठते देख आसपास खड़े लोगों में हड़कंप मच गया. सभी को लगा कि कार में शार्ट सर्किट के कारण आग लगी है. लोगों ने संगीता और नंदन पर पानी डालकर आग बुझा दी लेकिन रामराज कार के साथ राख हो गए. लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग काबू में नहीं आ रही थी. 

कार के तीनों दरवाजे बंद थे. आग लगने पर संगीता और नंदन झटपटाने लगे लेकिन रामराज अपनी ही सीट पर बैठे रहे. किसी तरह कार का दरवाजा खोलकर नंदन और संगीता बाहर निकल गए. कार धूं-धूं कर जलने लगी. आग की लपटें उठते देख आसपास खड़े लोगों में हड़कंप मच गया. सभी को लगा कि कार में शार्ट सर्किट के कारण आग लगी है. लोगों ने संगीता और नंदन पर पानी डालकर आग बुझा दी लेकिन रामराज कार के साथ राख हो गए. लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग काबू में नहीं आ रही थी. 

घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी नुरुल हसन और बेलतरोड़ी पुलिस मौके पर पहुंचे. तब तक लोगों ने दमकल विभाग को भी जानकारी दे दी थी. नरेंद्रनगर और त्रिमूर्तिनगर से 2 दमकल वाहन मौके पर पहुंचे. तुरंत आग पर काबू पा लिया गया. रामराज का शव पूरी तरह जल चुका था. आग की तपन से कार के कांच और रामराज की खोपड़ी फूट गई थी. संगीता और नंदन का उपचार जारी है. डीसीपी हसन ने बताया कि कार में सुसाइड नोट मिला. जिसमें रामराज ने आर्थिक संकट से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी. पूरे मामले की बारीकी से जांच की जा रही है. ज्वलनशील पदार्थ और बोतल की केमिकल एनालिसिस के लिए भेजा जाएगा. 

हादसे के बाद परिसर में यातायात प्रभावित हो गया. पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से पहले ही सुरक्षा घेरा तैयार कर लिया था. दमकल विभाग की टीम पहुंचने तक रास्ते पर जाम लग गया था. इसीलिए वाहनों को दूसरी तरफ से रवाना किया गया. करीब 1 घंटे के बाद यातायात सुचारू हुआ.