महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू – प्रभाग रचना के आदेश जारी

महाराष्ट्र में लंबे समय से रुके हुए नगर निकाय चुनावों की तैयारी अब शुरू हो गई है। इस दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने राज्यभर में वार्ड (प्रभाग) सीमाओं के निर्धारण की प्रक्रिया को लेकर आदेश जारी किए हैं।
मुंबई को छोड़कर राज्य की सभी महानगरपालिकाओं में इस बार चार सदस्यीय प्रभाग प्रणाली लागू की जाएगी। जबकि मुंबई की बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) में पहले की तरह एक सदस्यीय प्रणाली ही रहेगी और कुल 227 वार्ड बनाए जाएंगे। मुंबई में यह प्रक्रिया बीएमसी आयुक्त की देखरेख में होगी।इससे पहले मई महीने में राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर विकास विभाग और ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि प्रभाग रचना की प्रक्रिया एक महीने से 40 दिनों के भीतर पूरी की जाए।
राज्य की 29 महानगरपालिकाओं में से:
• A श्रेणी में: पुणे और नागपुर,
• B श्रेणी में: ठाणे, नासिक और पिंपरी-चिंचवड़,
• C श्रेणी में: नवी मुंबई, वसई-विरार, छत्रपती संभाजी नगर और कल्याण-डोंबिवली,
• शेष 19 नगरपालिकाएं D श्रेणी में आती हैं।
A, B और C श्रेणी की महानगरपालिकाओं में नगर आयुक्त, जबकि D श्रेणी में जिलाधिकारी (कलेक्टर) वार्ड गठन की जिम्मेदारी संभालेंगे।वार्ड गठन का ड्राफ्ट (प्रारूप) जनता के लिए खुला रहेगा, जिस पर आम लोग आपत्तियाँ और सुझाव दे सकेंगे। इसके बाद फीडबैक के आधार पर अंतिम वार्ड रचना घोषित की जाएगी।
इन स्थानीय निकाय चुनावों को महाराष्ट्र में मिनी विधानसभा चुनाव माना जा रहा है, क्योंकि फिलहाल सभी 29 महानगरपालिकाओं में प्रशासक कार्यभार संभाल रहे हैं और कोई चुनी हुई प्रतिनिधि संस्था नहीं है।
इसके अलावा:• राज्य की 248 नगर परिषदों में भी प्रशासक नियुक्त हैं।
• 147 नगर पंचायतों में से 42 या तो नई बनी हैं या जिनके कार्यकाल समाप्त हो चुके हैं।
• ग्रामीण महाराष्ट्र में 34 जिला परिषदों में से 32 में प्रशासक हैं (केवल भंडारा और गोंदिया में चुनी हुई संस्थाएं हैं, जिनका कार्यकाल मई 2027 तक है)।
• 351 पंचायत समितियों में से 336 में भी प्रशासक हैं और वहां चुनाव कराए जाएंगे।
ये पूरी प्रक्रिया उन सभी निकायों में की जा रही है जहाँ चुनाव बकाया हैं।6 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र को बनाए रखना संविधानिक ज़रूरत है और निर्देश दिया कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं। साथ ही कहा गया कि ओबीसी आरक्षण उस प्रतिशत पर तय किया जाए जो जुलाई 2022 में बंथिया आयोग रिपोर्ट से पहले था।