धरती के करीब से गुजरे उल्कापिंड; बीती रात आसमान में दिखा रहस्यमयी खूबसूरत नजारा

नागपुर . रमज़ान, गुढी पाड़वा, चैत्र नवरात्र, के पहले दिन विदर्भ के आसमान में एक दुर्लभ खगोलीय घटना हजारों नागरिकों ने देखी . देर शाम करीब 7.45 बजे आसमान में उल्कापिंडों किसी आतिशबाजी की तरह गुजरते देखा गया . जिसने में भी देखा वहीं खड़ा होकर खूबसूरत नजारे को ताकता ही रहा . उसके बाद तो कई तरह के कयासों का दौर शुरू हो गया . सैकड़ों लोगों ने अपने मोबाइल से शूट कर सोशल मिडिया में वायरल कर दिया . कोई इसे उल्कापिंड के टुकड़े बता रहा था तो किसी का कहना था कि यह किसी अंतरिक्ष यान या सैटेलाइट के टुकड़े भी हो सकते हैं . देर रात तक यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया था कि आसमान से गुजरने वाली चीज क्या थी लेकिन कई जगहों पर तो टुकड़े गिरने भी खबरें आनी शुरू हो गईं . वरनगांव , भुसावल , अमरावती , चंद्रपुर , नागपुर , गडचिरोली , जलगांव , आकोट , जामोद सहित कई शहरों वे गांवों में नागरिकों को यह अद्भुत नजारा देखने को मिला . वरनगांव की सुरक्षा में लगे भारतीय सेना के जवानों ने विडियो शूट कर जांच के लिए भेज दीया।

सिंदेवाही में मिला टुकड़ा

चंद्रपुर जिले के सिंदेवाही में तो रहस्यमय उल्कापिंड का एक टुकड़ा भी गिरने की खबर मिली है . वहां के प्रशासन ने भी यह माना है लेकिन वह टुकड़ा क्या है यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा . स्काई वाच ग्रुप के अध्यक्ष सुरेश चोपणे ने बताया कि आसमान जो पिंड नजर आए उसके उल्कापिंड होने की संभावना कम है लेकिन यह हो सकता है कि किसी उल्कापिंड के काफी छोटे टुकड़े जरूर प्रवेश कर गए हों . अधिक संभावना है कि यह किसी सेटेलाइट के टुकड़े हों . अनके खगोलशास्त्रियों से इस संदर्भ में जानने का प्रयास किया गया लेकिन फिलहाल सभी संभावना ही जता पाए . विडियो में जो टुकड़े नागिरकों को गिरे दिखे हैं वे किसी धातु के रिंग के टुकड़े लग रहे हैं जैसा किसी राकेट आदि में हो सकता है .

सभी के अलग – अलग दावे

इस संदर्भ में कई तरह के दावे किया जाते रहे लोगों में भी जानने की उत्सुकता रही कि आखिर वह चीज क्या थी जो आसमान में नजर आई . कुछ तो इस यूक्रेन- रसिया के युद्ध में दागे जाने वाले मिसाइलों के संदर्भ में भी देख रहे थे . रमन साइंस सेंटर के वैज्ञानिक ने कहा कि वायरल विडियो क्लिप में एक बड़ा चट्टान पृथ्वी की दिशा में आता नजर आ रहा है और वातावरण के संपर्क में आते ही छोटे – छोटे टुकड़े में बंट गया . बताते चलें कि कुछ वर्ष पूर्व काटोल में भी उल्कापिंड के अवशेष गिरे थे .

इलेक्ट्रान राकेट बुस्टर के टूकड़े होने की संभावना

उल्लेखनीय है कि उक्त आकाशीय घटना के संदर्भ में चर्चा चल रही है कि ये इलेक्ट्रान रॉकेट बूस्टर के टूकड़े हो सकते है . इस तर्क का मुख्य कारण ये है कि शनिवार को पूरे विश्व में केवल एक ही रॉकेट लॉन्च किया गया था . यह राकेट न्यूजीलैंड के माहीया द्वीप से रॉकेट लैब नाम की प्राइवेट स्पेस कम्पनी द्वारा सुबह 8.41 बजे लॉन्च करने की जानकारी है . इस रॉकेट में ब्लैक स्काय नामक का सेटेलाइट था . बताया जा रहा है कि यह सेटेलाइट पृथ्वी से 430 किमी की ऊंचाई पर स्थिर हो गया था . संभवत : ये उसी रॉकेट के टूकड़े हो सकते हैं .