महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के लिए सहारा बन सकता है NCP का ये विधायक, बदल सकता है पार्टी का भविष्य

महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। अभी भी गेंद एकनाथ शिंदे के पाले में है। एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास 49 से अधिक विधायकों का समर्थन है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार जाएगी या फिर ठाकरे परिवार के हाथ से शिवसेना ही निकल जाएगी। महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम के बीच अब दोनों लोगों की भूमिका बढ़ गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की और डिप्टी स्पीकर की। क्योंकि महाराष्ट में अभी विधानसभा का कोई स्पीकर नहीं है ऐसे में डिप्टी स्पीकर की भूमिका अहम मानी जा रही है।

बागी विधायकों का क्या करना है, ये तय करना स्पीकर का काम होगा। मगर इस समय महाराष्ट्र में कार्यभार डिप्टी स्पीकर के कंधों पर है। डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवाल हैं। उनकी पार्टी एनसीपी है। ऐसे में शिवसेना की चिंताएं और भी बढ़ सकती हैं। बागी विधायकों को क्या करना है इसका फैसला डिप्टी स्पीकर की जिम्मेदारी होगी। वो विधायकों को अयोग्य ठहराते हैं या फिर उनकी सदस्यता भंग करते हैं ये फैसला स्पीकर को लेना है। अगर विधायकों पर दलबदल कानून लागू होता है तो शिवसेना के लिए राहत की बात हो सकती है। लेकिन सरकार की मुश्किलें कम नहीं होंगी। डिप्टी स्पीकर सदन में बहुमत साबित करने को भी कह सकते हैं।

हालांकि अभी तक बागी हुए विधायकों में से किसी भी विधायक ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है। बागी विधायक खुद को शिवसैनिक बता रहे हैं और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे से एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ गठबंधन करने की शर्त रखी है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने सियासी घटनाक्रम के बीच गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए कहा था कि हम महाविकाश अघाड़ी से निकलने के लिए तैयार हैं। हालांकि इसके बाद एनसीपी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी।