देवबंद में बोले महमूद मदनी, ‘नफरत का जवाब नफरत नहीं हो सकता’

जमीअत उलमा-हिंद के दो दिवसीय कार्यक्रम में जमीयत-उलमा-ए-हिंद के प्रमुख और पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमें मायूस होने की जरूरत नहीं है, देश हमारा है और हमारे बुजुर्गों ने इस देश को आजाद कराने में मुख्य भूमिका निभाई है. देश में नफरत का कारोबार करने वालों की दुकानें ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है, उन्होंने कहा कि सरकारें आने-जाने वाली चीज है, लेकिन देश को जोड़ने वाले और मजबूत करने वाले ही इस देश की ताकत है.

देवबंद के ईदगाह में आयोजित सम्मेलन के पहले चरण का भाषण देते हुए मौलाना महमूद मदनी ने इशारों इशारों में सरकार और आरएसएस पर निशाना और हमला बोला, एकता अखंड भारत की बात करने वाले वर्ग विशेष को निशाना बना रहे. उन्होंने कहा कि हमें सबसे ज्यादा प्यार इस देश की शांति से है, सभी लोग राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र मजबूत करने की बात करते हैं लेकिन नफरत के टोले पर खामोश रहते हैं.

उन्होंने कहा कि नफरत की दुकान खोलने वाले और नफरत का बाजार सजाने वाले लोग देश के दुश्मन हैं, नफरत का जवाब कभी नफरत नहीं हो सकता, हम नफरत का जवाब मुहब्बत से देने वाले लोग है. देश में फैल रही नफरत को मोहब्बत से बचाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वालों की संख्या बहुत कम है लेकिन इस समय वह बढ़ रही है. हम भी नफरत का जवाब नफरत से दे सकते हैं लेकिन देश का मुसलमान कभी ऐसा नहीं करेगा ना कभी ऐसा किया है और ना कभी ऐसा करेंगे.

देश की एकता और अखंडता और अखंड भारत बनाने की बात करने वालों ने आज देश के मुसलमानों का रास्ते पर चलना मुश्किल कर दिया है, यह किस अखंडता और अखंड भारत की बात करते हैं?
उन्होंने कहा कि नफरती लोग देश के साथ दुश्मनी कर रहे हैं और देश के अमन शांति यहां की गंगा जमुनी तहजीब और एकता अखंडता को तबाह बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम इस देश को आबाद करने वाले हैं, जमीअत उलमा हिंद देश को आबाद करने वाला देश का सबसे पुराना संगठन है.

उन्होंने कहा कि बोलने से ज्यादा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम धार्मिक स्थलों और इबादतगाहों के लिए प्रस्ताव लाएंगे और प्रस्ताव लाकर बात रखेंगे और फिर पीछे नहीं हटेंगे. देश को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए एक नए जरूर जूनून और नए खून की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम वह नहीं करेंगे जो वह चाहते हैं लेकिन हम वह करेंगे जिस की जिस समय ज़रूरत होगी, हम अपनी प्लानिंग से चलेंगे आपकी बनाई प्लानिंग पर हम नहीं चलेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार आपकी है लेकिन आज भी आप अल्पसंख्यक हैं उनके देश को जोड़ने वाले रोग बहु संख्या के और वह हम लोग हैं सरकारी आने जाने वाली चीज है सरकार हमेशा किसी की नहीं होती है। बाकी रहने वाली जात अल्लाह की है.

मीडिया में भी मुकाबले का दौर चल रहा है और देश में नफरत की खाई बढ़ रही है, इस नफरत को खत्म करने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सरकार की है और उससे कहीं ज्यादा मीडिया की है, हमे ये जिम्मेदारी है पहले से निभा रहे हैं और आगे भी निभाते रहेंगे, लेकिन अगर मीडिया और सरकार अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाएगी तो उसके जिम्मेदार आप खुद होंगे.